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पुरदिलनगर कस्बे के पास ग्राम सिंचावली कदीम में हो रही श्रीमद् भागवत कथा व्यास


    पुरदिलनगर कस्बे के पास ग्राम सिंचावली कदीम में हो रही श्रीमद् भागवत कथा व्यास जी श्री जितेंद्र जी के मुखारविंद से द्वारा प्रारंभ की गई है। जिसमें कथा के आज तृतीय दिवस था। कथा में आज भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ व्यास जी द्वारा श्री कृष्ण की लीलाओं का वार्डन किया जिसमें व्यास जी द्वारा बताया गया श्री कृष्ण का जन्म होते ही वासुदेव की हथकड़ियां खुल गई और पहरेदार सभी सो गए कंस के कारागार में जैसे ही वासुदेव जी श्री कृष्णा लेकर यमुना पार गोकुल को गए चले तो रास्ते में यमुना जी पड़ी जो बढ़ती ही चली गई जैसे ही श्री कृष्ण भगवान ने अपना पैर आगे को बढ़ाया यमुना की घटती चली गई और श्री कृष्ण का पैर छूकर यमुना जी ने रास्ता मार्ग छोड़ दिया जैसे ही वासुदेव श्री कृष्णा को लेकर नंद बाबा के यहां पहुंचे वहां पर श्री कृष्ण को लिटा कर और वहां से यशोदा की कन्या लेकर मथुरा आ गये मथुरा कंस के कारागार में आकर कन्या को लाकर रख दिया जैसे ही कन्या लाकर रखी गई वैसे ही तेज प्रकाश हुआ और पहरेदार सभी नींद से जाग गए कंस को सूचना दी की है कंस देवकी के आठवीं संतान हो चुकी है तो उसने देखा कि देवकी ने कन्या को जन्म दिया है तो जैसे ही उसने कन्या को उठाकर के पत्थर से मारा तो कन्या आकाश में चली गई और आकाशवाणी हुई है तू मुझे क्या मारेगा तुझे मरने वाला तो हो गोकुल में पल रहा है और सभी श्रोताओं ने भगवान कृष्ण की लीला सुनी। इस अवसर पर सभी लोगों ने फूलों की वर्षा की एवं गुब्बारे से पंडाल को सजाया खूब अच्छी तरह से और फूल मालाओं से स्वागत किया गया भगवान श्री कृष्ण का खूब जयकारे लगे जय श्री कृष्णा जय श्री कृष्णा जय राधे कृष्णा जय श्री कृष्ण की जय काली लागे जोरदार जयकारों से पूरा पांडाल गूंज उठा यगपति राजेंद्र सिंह परीक्षित,रक्षपाल सिंह,विकास, समाजसेवी दीपक बघेल अध्यक्ष शिशुपाल बघेल मनोज,बंटी,केपी सिंह कौशल भारद्वाज गौरव भारद्वाज रिंकू नेम सिंह धीरेंद्र समस्त ग्रामवासी मौजूद रहे राजकुमार संवाददाता ब्लॉक हसायनपुरदिलनगर
    कस्बे के पास ग्राम सिंचावली कदीम में हो रही श्रीमद् भागवत कथा व्यास जी श्री जितेंद्र जी के मुखारविंद से द्वारा प्रारंभ की गई है। जिसमें कथा के आज तृतीय दिवस था। कथा में आज भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ व्यास जी द्वारा श्री कृष्ण की लीलाओं का वार्डन किया जिसमें व्यास जी द्वारा बताया गया श्री कृष्ण का जन्म होते ही वासुदेव की हथकड़ियां खुल गई और पहरेदार सभी सो गए कंस के कारागार में जैसे ही वासुदेव जी श्री कृष्णा लेकर यमुना पार गोकुल को गए चले तो रास्ते में यमुना जी पड़ी जो बढ़ती ही चली गई जैसे ही श्री कृष्ण भगवान ने अपना पैर आगे को बढ़ाया यमुना की घटती चली गई और श्री कृष्ण का पैर छूकर यमुना जी ने रास्ता मार्ग छोड़ दिया जैसे ही वासुदेव श्री कृष्णा को लेकर नंद बाबा के यहां पहुंचे वहां पर श्री कृष्ण को लिटा कर और वहां से यशोदा की कन्या लेकर मथुरा आ गये मथुरा कंस के कारागार में आकर कन्या को लाकर रख दिया जैसे ही कन्या लाकर रखी गई वैसे ही तेज प्रकाश हुआ और पहरेदार सभी नींद से जाग गए कंस को सूचना दी की है कंस देवकी के आठवीं संतान हो चुकी है तो उसने देखा कि देवकी ने कन्या को जन्म दिया है तो जैसे ही उसने कन्या को उठाकर के पत्थर से मारा तो कन्या आकाश में चली गई और आकाशवाणी हुई है तू मुझे क्या मारेगा तुझे मरने वाला तो हो गोकुल में पल रहा है और सभी श्रोताओं ने भगवान कृष्ण की लीला सुनी। इस अवसर पर सभी लोगों ने फूलों की वर्षा की एवं गुब्बारे से पंडाल को सजाया खूब अच्छी तरह से और फूल मालाओं से स्वागत किया गया भगवान श्री कृष्ण का खूब जयकारे लगे जय श्री कृष्णा जय श्री कृष्णा जय राधे कृष्णा जय श्री कृष्ण की जय काली लागे जोरदार जयकारों से पूरा पांडाल गूंज उठा यगपति राजेंद्र सिंह परीक्षित,रक्षपाल सिंह,विकास, समाजसेवी दीपक बघेल अध्यक्ष शिशुपाल बघेल मनोज,बंटी,केपी सिंह कौशल भारद्वाज गौरव भारद्वाज रिंकू नेम सिंह धीरेंद्र समस्त ग्रामवासी मौजूद रहे राजकुमार संवाददाता ब्लॉक हसायन
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